जनसंख्या - किसी क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की संख्या जनसंख्या कहलाती है।
एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग तथा कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते है। ’’जार्न बी. क्रेसी’’
विश्व के 10 अधिकतम जनसंख्या वाले देश :-
- भारत
- चीन
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
- इंडोनेषिया
- पाकिस्तान
- ब्राजील
- बांग्लादेश
- नाइजीरिया
- रूस
- मैक्सिको
जनसंख्या घनत्वः-
किसी क्षेत्र में निवास करने वाली जनसंख्या एवं वहाँ के क्षेत्रफल के अनुपात को ही जनंसख्या घनत्व कहते हैं।
अर्थात प्रतिवर्ग किलोमीटर रहने वाले व्यक्तियों की संख्या जनसंख्या घनत्व कहलाती है।
जनसंख्या घनत्वः- जनसंख्या/क्षेत्रफल
Example:-
’क’ प्रदेश का क्षेत्रफल 100 वर्ग कि.मी. है और जनसंख्या 1,50,000 है। जनसंख्या का घनत्व कितना होगा ।
हल:- जनसंख्या घनत्वः- 150000/100
=1500 व्यक्ति/वर्ग कि.मी.
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारकः-
1. भौगोलिक कारकः-
(2 ) भू-आकृतिः-
- लोग समतल मैदानों एवं मंद ढालो पर बसना पंसद करते हैं क्योंकि ये फसल उत्पादन, सड़क निर्माण, उधोगां के अनुकूल होते हैं।
- पर्वतीय व पहाड़ी क्षेत्र परिवहन तंत्र के विकास में अवरोधक है।
- गंगा के मैंदान में जनसंख्या अधिक तथा हिमालय के पर्वतीय भाग में विरल जनसंख्या है।
(3) जलवायुः-
जिन जलवायु प्रदेशो में मौसम परिवर्तन कम होते हैं वहां जनसंख्या अधिक पाई जाती है तथा अतिशित व अति उष्ण मरूस्थलो की प्रतिकूल जलवायु लोगों के रहने के लिए असुविधाजनक हैै।
(4) मृदाऐंः-
उपजाऊ मृदा वाले क्षेत्रों में जनसंख्या अधिक पाई जाती है। दोमट मिट्टी वाले क्षेत्रों में लोग अधिक निवास करते हैं क्योंकि यह मिट्टी गहन कृषि का आधार है। कम उपजाऊ व बंजर भूमि वाले क्षेत्रों में लोग कम रहते हैं।
2. आर्थिक कारकः-
(1) खनिजः-
खनिज भंडारों वाले क्षेत्र उद्योगों को आकर्षित करते हैं जिससे लोगों को रोजगार मिलता है। कुश ल एवं अर्द्ध कुश ल मजदूर इन क्षेत्रों की ओर पलायन कर जनसंख्या को सघन बना देते हैं। जैसे- अफ्रीका की कटंगा व जाम्बिया की तांबा पेटी ।
(2) औद्यौगीकरणः-
औद्योगिक क्षेत्र रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध कराते हैं और बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करते है। इनमें कारखानो के मजदूरों के अलावा ड्राईवर, दुकानदार बैंक कर्मी, डॉक्टर, शिक्षक तथा अन्य सेवाऐं देने वाले लोग भी शामिल है जैसे जापान का कोबे-ओसका प्रदेश ।
(3) नगरीकरणः-
नगरीय क्षेत्र में शि क्षा, चिक्तिसा, स्वास्थ्य तथा संचार व परिवहन के साथ रोजगार के साधन उपलब्ध होते हैं जो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आकर्षित करते हैं जिससे नगरीय जनसंख्या बढ जाती है।
3. धार्मिक एवं सांस्कृतिक कारकः-
धार्मिक अथवा सांस्कृतिक महत्व के कारण कुछ क्षेत्र लोगों को अधिक आकर्षित करते हैं। सामाजिक तथा राजनीतिक अशांति वाले क्षेत्रो में लोग बसना कम पसंद करते हैं।जनसंख्या वृद्धि
जनसंख्या वृद्धि अथवा जनसंख्या परिवर्तन से अभिप्राय किसी क्षेत्र में समय की किसी निश्चित अवधि के दौरान जनसंख्या में परिवर्तन से है।
जनसंख्या वृद्धि दरः-
जनसंख्या परिवर्तन को प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि:-
प्राकृतिक वृद्धि़ = जन्म -मृत्यु
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि:-
वास्तविक वृद्धि़ = जन्म -मृत्यु +आप्रवास-उत्प्रवास
जनसंख्या की धनात्मक वृद्धिः-
अब दो समय अन्तरालों के बीच जन्म दर, मृत्यु दर से अधिक हो या अन्य देशो से लोग स्थायी रूप से उस देश में प्रवास कर जायें।
जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धिः-
जब दो समय अन्तरालों के बीच जन्म दर मृत्युदर कम हो जाये या उस स्थान से उत्प्रवास हो जाये।
जनसंख्या परिवर्तन के घटकः-
(1) जन्म
(2) मृत्यु
(3) प्रवास
(1) जन्म दरः-
किसी क्षेत्र विषेष में किसी वर्ष के दौरान प्रति हजार जनसंख्या के पीछे जीवित जन्मों की संख्या जन्म दर कहलाती है।
किसी वर्ष विषेष में जीवित जन्म
अशोधित जन्म दर = ---------------------------------- *1000
वर्ष विशेष के मध्य जनसंख्या
(2) मृत्यु दरः-
किसी क्षेत्र विशेष में किसी वर्ष के दौरान प्रति हजार जनसंख्या के पीछे मृतकों की संख्या मृत्यु दर कहलाती है।
किसी वर्ष विशेष में मृतकों की संख्या
अशोधित मृत्यु दर = ------------------------------------ *1000
वर्ष विशेष के मध्य में जनसंख्या
(3) प्रवासः-
किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा अपने निवास स्थान में परिवर्तन।
उद्गम स्थलः- जहां से लोग गमन करते है।
गंतव्य स्थलः- जहां पर लोग बसने आते है।
आप्रवासः- प्रवासी जो किसी नये स्थान पर जाते हैं आप्रवासी कहलाते हैं।
उत्प्रवासः- प्रवासी जो एक स्थान से बाहर चले जाते हैं उत्प्रवासी कहलाते हैं।
प्रतिकर्ष कारकः- किसी स्थान को छोड़ने के लिए मजबूर करने वाले कारक प्रतिकर्ष कारक कहलाते हैं जैसेः-
- बेरोजगारी
- रहन-सहन की निम्न दशाऐ
- प्रतिकूल जलवायु
- प्राकृतिक विपदाऐं जैसे बाढ, भूकम्प
- महामारियाँ
- सामाजिक- आर्थिक पिछड़ापन
अपकर्ष कारकः- किसी स्थान पर आकर बसने के लिए आकर्षित करने वाले कारक अपकर्ष कारक कहलाते हैं।
जैसेः-
- रोजगार के अवसर
- रहन-सहन की अच्छी दषाऐं
- अनुकूल जलवायु
- जीवन व सम्पति की सुरक्षा
- शांति व राजनीतिक स्थायित्व
जनांकिकीय संक्रमण
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जाता है।
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त के अनुसार जैसे-जैसे किसी प्रदेश का समाज ग्रामीण, खेतिहार तथा अशिक्षित अवस्था से उन्नति करके नगरीय, औद्योगिक तथा साक्षर बनता जाता है वैसे-वैसे उस प्रदेश की जनसंख्या उच्च जन्म और उच्च मृत्यु से निम्न जन्म व निम्न मृत्यु में परिवर्तित होती जाती है।
यह परिवर्तन तीन अवस्थाओं से होता है जिन्हे सामूहिक रूप से ’’जनांकिकीय संक्रमण चक्र’’ कहा जाता है।
ग्रामीण खेतिहार अशिक्षित------- जनांकिकीय संक्रमण चक्र --------- नगरीय औद्योगिक साक्षर
1. प्रथम अवस्थाः-
- इस अवस्था में उच्च जन्मदर व उच्च मृत्युदर होती है।
- इस अवस्था में जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है और अधिकांश लोग कृषि कार्य करतें हैं।
- जीवन प्रत्यषा निम्न होती है। इसका कारण महामारी और भुखमरी है।
- अधिकांश लोग अशिक्षित होते हैं। उसका तकनीकी ज्ञान निम्न होता है।
उदाहरणः- बांग्लादेश वर्षा वनो के आदिवासी।
2. द्वितीय अवस्थाः-
- इस अवस्था के प्रारंभ में जन्मदर उच्च होती है तथा समय के साथ घटती है।
- जनसंख्या प्रारम्भ में तेजी से बढती है।
- यह अवस्था घटी हुई मृत्युदर के साथ होती हैं।
- स्वास्थ्य एवं स्वस्छता में सुधार के कारण मृत्यु दर में कमी आती है।
(अ) उदाहरणः- पीरू, केन्या, श्रीलंका।
3. तृतीय अवस्थाः-
- इस अवस्था के प्रारंभ में जन्मदर एवं मृत्युदर दोनो घट जाती है।
- जनसंख्या या तो स्थिर होती है या मंद गति से बढती है।
- जनसंख्या नगरीय और षिक्षित हो जाती है तथा इनके पास परिवार ज्ञान होता है।
- ऐसी जनसंख्या परिवार के आकार को नियन्त्रित करती है।
(अ) उदाहरणः- कनाडा,जापान, यू.एस.ए।
जनसंख्या नियंत्रण के उपायः-
- परिवार नियोजन सुविधाओं को अपनाकर जन्मदर कम करके जनसंख्या नियंत्रण किया जा सकता है।
- महिलाओं को शिक्षित कर।
- परिवार नियोजन से जनसंख्या वृद्धि कम किया जा सकता है इससे महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

