अध्याय-06 तृतीयक और चतुर्थक क्रियाकलाप

   



   तृतीयक क्रियाकलाप:-

  •  प्रत्येक क्रियाकलाप सेवा सेक्टर से संबंधित है | इसमें मूर्त वस्तुओं के उत्पादन की बजाय सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन शामिल होता है तृतीयक क्रियाकलाप कार्मिकों की विशिष्टीकृत कुशलताओं ,अनुभव और ज्ञान पर अत्यधिक निर्भर करता है | इसके  उत्पादन को परोक्ष  रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है|
  •  तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं|

द्वितीयक  एवं तृतीयक  क्रियाकलापों में मुख्य अंतर-

  •  द्वितीयक  क्रियाकलापों का संबंध विनिर्माण , संस्करण और निर्माण से उद्योगों से है जबकि तृतीयक  क्रियाकलापों का संबंध व्यापार,परिवहन, संचार आदि सेवाओं से है |
  • द्वितीयक और तृतीयक  क्रियाकलापों में मुख्य अंतर यह है की सेवाओं द्वारा उपलब्ध विशेषज्ञता  उत्पादन तकनीको,मशीनरी और फैक्ट्री प्रक्रियाओं की अपेक्षा कर्मियों की विशिष्टीकृत कुशलताओं ,अनुभव और ज्ञान पर अत्यधिक निर्भर करती है |

तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार:-

  •   व्यापार - फुटकर व्यापार एवं थोक व्यापार
  •   परिवहन - सड़क रेल जल एवं वायु परिवहन
  • संचार - मोबाइल दूरभाष उपग्रह तथा दूरसंचार इंटरनेटऔर
  •   सेवाएं- पर्यटन बैंक बीमा मनोरंजन 

व्यापार:-  

  • व्यापार से तात्पर्य अन्यत्र उत्पादित मदों के क्रय  और विक्रय से है|
  •  व्यापार का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना है |

व्यापारिक केंद्र :-

     वह नगर तथा केंद्र जहां व्यापार होता है उन्हें व्यापारिक केंद्र या सग्रहण तथा वितरण बिंदु कहते हैं |

  व्यापारिक केंद्रों  के प्रकार:-

1.ग्रामीण विपणन के केंद्र:-

  • यह निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं |
  • यह अर्द्ध- नगरीय  व्यापारी केंद्र है|
  • यहां व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक सेवाएं सुनिश्चित नहीं होती है |

2.नगरीय़ विपणन केंद्र:-

  • यह नगरीय बस्तियों का पोषण करते हैं |
  • यह नगरीय  व्यापारी केंद्र है |
  • यहां विशिष्ट सेवाएं  एवं वस्तुएं उपलब्ध होती है |

आवधिक बाजार: –

  • ग्रामीण क्षेत्रों में जहां नियमित बाजार नहीं लगते हैं | वहां  निश्चित समय अंतराल पर  निश्चित तिथि या दिन पर आवधिक बाजार लगाए जाते हैं |
  • ये  साप्ताहिक व पाक्षिक बाजार होते हैं |
  • आवधिक बाजार आसपास के लोग अपनी आवश्यक जरूरत को पूरा करते हैं |

 व्यापार के प्रकार :-

       व्यापार को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है –

  1.  फुटकर व्यापार  
  2.  थोक व्यापार

 फुटकर व्यापार थोक :- 

  •  फुटकर व्यापार उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से संबंधित है |
  •  फुटकर  व्यापार  मुख्यतःनियत प्रतिष्ठानों और भंडारों से संपन्न होता है |
  •   फेरी ,रेहड़ी ,ट्रक,द्वारा से द्वारा,डाक आदेश ,दूरभाष, स्वचालित बिक्री मशीन तथा इंटरनेट फुटकर व्यापार के भंडार रहित उदाहरण है |

 थोक व्यापार:-

  •   थोक व्यापार का गठन अनेक बिजोलियों,सौदागरों और पूर्तिघरों द्वारा होता है  न की फुटकर भंडारों द्वारा 
  •    थोक विक्रेता प्राय : फुटकर भंडारों को उधार देते हैं | यहाँ तक की फुटकर व्यापारी अधिकतर थोक विक्रेता की पूंजी पर ही अपने कार्य का संचालन करते हैं|

 परिवहन :-

  परिवहन एक ऐसी सेवा है जिससे व्यक्तियों ,निर्मित माल तथा संपत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर  ले जाया जाता है|

 परिवहन व्यवस्था के कार्य :–

 आधुनिक समाज वस्तुओं के उत्पादन वितरण और उपभोग में सहायता देने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहता है | इस जटिल व्यवस्था की प्रत्येक अवस्था में परिवहन द्वारा पदार्थ का मूल्य अत्यधिक बढ़ जाता है|

 परिवहन दूरी की माप :-

 परिवहन दूरी को तीन प्रकार से मापा जाता है-

  •  किलोमीटर दूरी- मार्ग लंबाई की वास्तविक दूरी इसे किलोमीटर में मापा जाता है|
  •  समय दूरी- एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाला समय के रूप में मापा जा सकता है|
  •   लागत दूरी-  मार्ग पर यात्रा के खर्च के रूप में मापा जा सकता है|
  •  परिवहन के साधन के चयन  में समय अथवा लागत  एक निर्णायक कारक है |

 नोड :- 

   दो अथवा अधिक मार्गों का संधि स्थल   एक उद्गम बिंदु एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड कहलाता है |

 योजक :-

   वह सड़क जो दो नोडो को आपस में जोड़ती है योजक कहलाती है एक विकसित जल तंत्र में अनेक योजक होते हैं जिसका अर्थ है कि स्थान सुसंबध्द है |

 जल तंत्र:- 

   जैसे ही परिवहन व्यवस्थाएं विकसित होती है विभिन्न स्थान आपस में जुड़कर जल तंत्र की रचना करते हैं |

 परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक :-

  • जनसंख्या का आकार- परिवहन की मांग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है | जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की मांग उतनी अधिक होगी |
  • नगरों कस्बो गांव औद्योगिक केंद्रों और कच्चे माल के मध्य व्यापार के प्रारूप तथा भू दृश्य की प्रकृति पर निर्भर करता है |
  • जलवायु के प्रकार और परिवहन मार्ग की लंबाई पर आने वाले व्यवधान को दूर करने के लिए उपलब्ध मुद्रा पर मार्ग निर्भर करते हैं |

 संचार- 

  •  शब्दों और संदेशों तथ्यों और विचारों का संप्रेषण संचार कहलाता है |
  • लेखन के आविष्कार ने संचार को परिवहन के साधनों पर निर्भर बनाया है |
  •  परिवहन के सभी रूपों को संचार पथ कहा जाता है |
  •  मोबाइल ,दूरभाष और उपग्रह ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया हैA

 दूरसंचार :-

  दूरसंचार का प्रयोग विद्युतीय प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है संदेशों के भेजे जाने वाली गति के कारण इसने संचार में क्रांति ला दी है |

 जनसंचार माध्यम :-

  •   वे संचार माध्यम  जिससे विस्तृत जनसमूह तक  सूचनाओं का संप्रेषण किया जा सके |
  •  रेडियो और दूरदर्शन जनसंचार के माध्यम है क्योंकि ये  समाचारों चित्रों व्  दूरभाष कालों को पूरे विश्व में विस्तृत स्रोतों को प्रसारण करते हैं तथा विज्ञापन एवं मनोरंजन के लिए महत्वपूर्ण है |

 उपग्रह :-

  उपग्रह संचार पृथ्वी और अंतरिक्ष से सूचनाओं का प्रसारण करता है |

 इंटरनेट :-

  कंप्यूटर नेटवर्कों का जाल इंटरनेट कहलाता है इंटरनेट ने वैश्विक संचार तंत्र में क्रांति ला दी है |

पर्यटन:-

  • पर्यटन एक यात्रा है जो व्यापार की बजाय मनोरंजन के उद्देश्य के लिए की जाती है |
  • पर्यटन में आवास भोजन परिवहन मनोरंजन आदि सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती है |
  • पर्यटन कुल पंजीकृत रोजगारों तथा कुल राजस्व की दृष्टि से यह विश्व का सबसे बड़ा तृतीयक क्रियाकलाप है |

 पर्यटन आकर्षण के कारक :-

 जलवायु:-

  • अवकाश की अवधि के दौरान पर्यटक ऐसे स्थान पर जाना पसंद करते हैं जहां की जलवायु दशाएं अनुकूल हो |
  • यूरोप  मैं शीतकालीन अवकाश का आनंद लेने के लिए अधिकांश पर्यटक  भूमध्यसागरीय क्षेत्र  क्षेत्र की ओर आकर्षित होकर आते हैं क्योंकि यहां सतत ऊंचा तापमान धूप की लंबी अवधि और निम्न वर्ष की दशाएं होती है |

 भू दृश्य : –

  •   पर्वत जिले दर्शनीय समुद्र तट जैसे प्राकृतिक भूधर से पर्यटकों को अधिक आकर्षित करते हैं |
  •  इतिहास एवं कला- प्राचीन और सुंदर नगर पुरातत्व के स्थान किले महल तथा धार्मिक स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं |

 संस्कृति और अर्थव्यवस्था :-

  • सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल भी पर्यटकों का आकर्षित करते हैं इसके अलावा पर्यटक उन स्थानों की तरफ भी अधिक आकर्षित होते हैं 
  • जहां सस्ती दरों पर भोजन एवं आवास की सुविधा उपलब्ध हो जाती है |
  •  गोवा में हेरीटेज होम्स तक कर्नाटक में मैडीकेरे  और कुर्ग इसके अच्छे उदाहरण हैं |

 चिकित्सा पर्यटन :-

  • जब चिकित्सा उपचार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधियों से जोड़ दिया जाता है तो इस चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है
  • भारत ,थाईलैंड ,सिंगापुर और मलेशिया  विश्व में चिकित्सा पर्यटन  की दृष्टि से तेजी से उभरने वाले देश हैं |

चतुर्थ क्रियाकलाप:-

  •  चतुर्थक  क्रियाकलापों में ज्ञानोंमुखी कार्य आते हैं अनुसंधान और विकास पर केंद्रित क्रियाकलाप जो विशिष्टीकृत  ज्ञान तकनीकी कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से संबंधित हो चतुर्थक  क्रियाकलाप कहलाते हैं चतुर्थक  क्रियाकलापों में ज्ञानोंमुखी कार्य आते हैं |
  • कार्यालय भवनो ,प्राथमिक विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालय कक्षाओं, अस्पतालों व डॉक्टर के कार्यालय  ,रंगमंच लेखा कार्य और दलाली की फार्मो, में काम करने वाले कर्मचारी  इस वर्ग की सेवाओ  से संबंधित है |

पंचम क्रियाकलाप :-

  •  पंचम क्रियाकलापों में नवीन विचारों तथा  नवीन प्रौद्योगिकी कार्य आते हैं |
  • यह कार्य प्रौद्योगिकी केंद्रित होते हैंAइनमें नीति निर्माता तथा उच्च स्तर पर निर्णय लेने वाले लोग आते हैं |

बाह्य स्रोतन :-

  •  बाह्य स्रोतन अथवा ठेका देना दक्षता को सुधारने और लगता को घटाने के लिए किसी अभिकरण  (एजेंसी)को कार्य सौपना है |
  •  जब बाह्य स्रोतन में कार्य समुद्र पार के स्थान पर स्थानांतरित किया जाता है तो इसको आपतरन  ऑफसरिंग कहा जाता है |
  •  बाह्य स्रोतन उन देशों की  ओर स्थानांतरित किया जाता है A जहां जीवन यापन की लागत कम होती है कुशल श्रमिक सस्ती दर पर  उपलब्ध हो जाते हैं |
  •   बाह्य स्रोतन से भारत ,चीन ,पूर्वी यूरोप, इजराइल ,कोस्टरिका,फिलिपींस, में बड़ी संख्या में कॉल सेंटर खोले हैं | इससे इन देशों में बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं इससे इन देशों में उत्प्रवास में कमी आई है |

अंकिय –विभाजक:-

               सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का विवरण पूरे विश्व में असमान रूप से वितरित है , विकसित देश इस दिशा में आगे बढ़ गए हैं जबकि विकासशील देश पिछड़ गए हैं | इस प्रकार देश में इस विभाजन को अंकित विभाजन कहते हैं |

कक्षा 12 "मानव भूगोल की पुस्तक मूल सिद्धांत" के अध्याय-06 "तृतीयक और चतुर्थक क्रियाकलाप " के सचित्र, रोचक और सरल भाषा में नोट्स यहाँ दिए गए हैं । यदि आप इन नोट्स को PDF रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं👇👇👇👇👇

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